जहां तक नज़र डालता हूँ, सभी व्यापारी नज़र आते है
किसी ने पूछा अरे भाई क्या ढूंढ रहे हो !
मैंने कहा एक सच्चा देशभक्त ढूंढ रहा हूँ ,
जिसका मान ईमान और स्वाभिमान बिका ना हो .......
किसी ने पूछा अरे भाई क्या ढूंढ रहे हो !
मैंने कहा एक सच्चा देशभक्त ढूंढ रहा हूँ ,
जिसका मान ईमान और स्वाभिमान बिका ना हो .......
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दिल बिक गया , धडकन बिक गयी ,
बेचने वालो ने तो हवा और पानी भी डिब्बों मे पैक कर के बेच दिए!
आँखे बिक गयी , रोशनी भी बिक गयी ,
व्यापारियो ने तो इंसान की कीमत भी आकी है...
सब कुछ तो बिक गया, इंसानियत बिकना बाकी है!!
बेचने वालो ने तो हवा और पानी भी डिब्बों मे पैक कर के बेच दिए!
आँखे बिक गयी , रोशनी भी बिक गयी ,
व्यापारियो ने तो इंसान की कीमत भी आकी है...
सब कुछ तो बिक गया, इंसानियत बिकना बाकी है!!
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समाज बिक गया , संत बिक गए,
बेचने वालो ने तो मजहब के नाम पर फिल्में भी बेच डाली!
मंदिर बिक गए , तीर्थ बिक गए,
व्यापारियो ने तो धर्म की कीमत भी आकी है...
सब कुछ तो बिक गया , भगवान बिकना बाकी है!!
बेचने वालो ने तो मजहब के नाम पर फिल्में भी बेच डाली!
मंदिर बिक गए , तीर्थ बिक गए,
व्यापारियो ने तो धर्म की कीमत भी आकी है...
सब कुछ तो बिक गया , भगवान बिकना बाकी है!!
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गाँव बिक गए , शहर बिक गए,
बेचने वाले तो कोयला भी बेच कर खा गए!
राज्य बिक गया , सीमाएं बिक गयी,
व्यापारियो ने तो देश की कीमत भी आकी है...
सब कुछ तो बिक गया , देशभक्ति बिकना बाकी है!!
बेचने वाले तो कोयला भी बेच कर खा गए!
राज्य बिक गया , सीमाएं बिक गयी,
व्यापारियो ने तो देश की कीमत भी आकी है...
सब कुछ तो बिक गया , देशभक्ति बिकना बाकी है!!
अगर कुछ कर गुजरने की ललक है तुम्हारे सीने मे,
क्या मजा है , इस कदर अपने लिए यू जीने मे!
होंगे कुछ लोग जिन्होंने जीने के लिए मारना सीखा होगा ,
हमने तो बचपन से ही मरने के लिए जीना सीखा!
नाम तुम्हारा न केवल परिवार मे सिमटा हो,
वीरता तो उसमे है , कफन जिसका तिरंगे मे लिपटा हो!!
क्या मजा है , इस कदर अपने लिए यू जीने मे!
होंगे कुछ लोग जिन्होंने जीने के लिए मारना सीखा होगा ,
हमने तो बचपन से ही मरने के लिए जीना सीखा!
नाम तुम्हारा न केवल परिवार मे सिमटा हो,
वीरता तो उसमे है , कफन जिसका तिरंगे मे लिपटा हो!!
छोटी सी गुजारिश है, इतनी सी खबर कर दो,
एक बार जो लिख दू तो , मेरा लेख अमर कर दो!
घर घर तक मैं पहुँचू , उद्देश्य सफल कर दो,
फिर से निवेदन है , थोड़ी सी खबर कर दो!
साँसे कभी थम जाये दिलो मे अमर कर दो .....
घर घर तक मैं पहुँचू , उद्देश्य सफल कर दो,
फिर से निवेदन है , थोड़ी सी खबर कर दो!
साँसे कभी थम जाये दिलो मे अमर कर दो .....
आप सभी देशभक्तो से निवेदन है ज्यादा से ज्यादा संख्या मे हमसे जुड़े ............
bloggerpct
POSTED BY PRAKASH CHAND THAPLIYAL
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