पूछ रहा है सवाल भगत सिंह, राजगुरु और हर एक शहीद जावान!
क्या इसी आजादी के लिए दिया था हमने बलिदान!!
जिस तिरंगे की आन के लिए ,खुशी खुशी दी थी वीरो ने अपनी जान!
आज आजाद हिन्दुस्तान मे खतरे मे पड गयी है हमारे तिरंगे की शान!!
जिस सीने ने देश की शरहद पे ,प्रतिकूल हालातो मे प्रहार झेले है!
आज इन देशद्रोहियो के हितैषियों की वजह से ,हुए वो अकेले है!!
आज राजनीति कितनी गंदी हो गयी है ,
किस प्रकार देशद्रोह पर भी राजनीति की जाती है और आतंकियों को किस प्रकार प्रोत्साहित किया जा रहा है,
उसका थोड़ा वर्णन.....
बड़े-बड़े जब मेमन की फांसी रुकवाने अड़ते हैं,
दृश्य देख ये आतंकी के और हौसले बढ़ते हैं!
जब अफजल और हाफिज सईद के पीछे साहब जोड़ा जाता है,
ऐसा करके वीरो और सेनाओं का साहस तोड़ा जाता है!
डायन, भारत माँ को कहकर जो मंत्री बन जाता है,
देख के उनको आतंकी का फिर से सीना तन जाता है!
जब अफरीदी के छक्कों पर ताली बजने लगती है,
आतंकी मंसूबों की उम्मीदे फिर से जगने लगती है!
काश्मीर में जब भारत का झंडा जलने लगता है,
ठीक उसी पल आतंकियों का सपना पलने लगता है!
ऐसे मुद्दों पर भी संसद राजनीति कर जाती है,
आतंकी हँसते हैं ,सेनिको की चीखें मर जाती है!
कठिन वक्त में प्यारे सब को एक साथ बढ़ना होगा,
राष्ट्रवाद की खातिर सब को एक साथ लड़ना होगा!
निहित स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की बात करो,
आलोक तिरंगे के चेहरे पर खुशियों की बरसात करो!
एक बार फिर ये पंक्तिया दोहराने की जरूरत है....
भरा नही जो भावो से,
बहती जिसमे रसधार नही!
हृदय नही वो पत्थर है ,
जिसमे स्वदेश का प्यार नही!!
सभी देशभको को एक संदेश .....
कृपया एक हो जाओ और देश द्रोहियो को मिल कर देश से निकालो !!
bloggerpct
Posted by prakash chand thapliyal
Posted by prakash chand thapliyal
No comments:
Post a Comment